शोषण से सम्बन्धित शोषण से सम्बन्धित
बेटे जितनी ही जरूरी होती हैं बेटियां, लेकिन फिर भी मैं नहीं चाहती जन्मना बेटियाँ , क्योंकि बहुत पसंद... बेटे जितनी ही जरूरी होती हैं बेटियां, लेकिन फिर भी मैं नहीं चाहती जन्मना बेटियाँ...
तुम्हारा दुख केवल एक ही है अपने अस्तित्व के संकट का दुख तुम्हारा दुख केवल एक ही है अपने अस्तित्व के संकट का दुख
मैं यथार्थ लिखता हूँ, शोषण मुक्त समाज चाहता हूँ। मैं यथार्थ लिखता हूँ, शोषण मुक्त समाज चाहता हूँ।
सहमे हैं आंखों के डोरे, हलकू चाचा हुए दिवाला मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे। सहमे हैं आंखों के डोरे, हलकू चाचा हुए दिवाला मंदिर - मस्जिद बन्द रहेंगे।
जिसको बचपन से बनाया जाता है, तहजीब में रहो ये उसको सिखाया जाता है। जिसको बचपन से बनाया जाता है, तहजीब में रहो ये उसको सिखाया जाता है।